सदियों से इंसानी सभ्यता ने नए-नए देवता पैदा किए। ग्रीक के देवता, मेसोपोटामिया के देवता, नॉर्स-वाइकिंग्स के देवता, ऐसे ही अंसख्य देवता इस दुनियां में आए...फिर क्या हुआ इन देवताओं का ? कैसे खत्म हो गए ये दुनियां से ? दरसल ये देवता नही खत्म हुए हमारा विश्वास इनके ऊपर से खत्म हो गया। ये भुला दिए गए। फिर दूसरा सवाल खड़ा होता है। हमने इन देवताओं के मिथ को बनाया ही क्यों ?
Author: Lenin Maududi
इक़बाल ने लिखा था हम तो जीते हैं कि दुनिया में तेरा नाम रहे। कहीं मुमकिन है कि साक़ी न रहे, जाम रहे।
इक़बाल व्यंग करते हुए खुदा से कह रहे हैं कि ऐसा न हो की इंसान तुम्हे भुला दे। तुम्हारा वजूद इसलिए है क्योंकि हम(इंसान) तुम्हें याद करते हैं। सदियों से इंसानी सभ्यता ने नए-नए देवता पैदा किए। ग्रीक के देवता, मेसोपोटामिया के देवता, नॉर्स-वाइकिंग्स के देवता, ऐसे ही अंसख्य देवता इस दुनियां में आए...फिर क्या हुआ इन देवताओं का ? कैसे खत्म हो गए ये दुनियां से ? दरसल ये देवता नही खत्म हुए हमारा विश्वास इनके ऊपर से खत्म हो गया। ये भुला दिए गए। फिर दूसरा सवाल खड़ा होता है। हमने इन देवताओं के मिथ को बनाया ही क्यों ? इसका जवाब यह है कि इंसानों की इस दुनियां में बहुत कुछ घटित हो रहा है। जिसका कोई प्रमाणिक-तथ्यपरक उत्तर उसके पास नही था और अब भी नही है। पर बिना कारण और प्रभाव के, हम अपने आस-पास की दुनिया को समझने में असमर्थ हैं। इंसान उन चीजों की वजह खोजना चाहता है जो उसके सामने घटित हो रही हैं। वह इस ब्रह्माण्ड से अपना एक रिश्ता जोड़ना चाहता है। अपने अस्तित्व को खोजने के इस क्रम में वह मिथ का निर्माण करता है। मिथ भौतिक जगत से अलग मनुष्यों के अनुभवों को मान्यता देती है। ये मिथ ही है जो इंसानों के मुश्किल सवालों का आसान जवाब तैयार कर देती है। बस हमें उन मिथ पर यकीन करना होता है। जैसे हम क्यों पैदा हुए ? जीवन का अर्थ क्या है ? जीवन का लक्ष्य क्या है ? मर जाने के बाद हम कहाँ जाएंगे ? ये दुनियां कैसे बनी ? ये दुनियां कैसे खत्म होगी ? मिथ पर जितना ज्यादा आप का यकीन होता है उतना ही आप मिथ को मूर्त (वास्तविक) मानते हैं। आप को फिर मिथ की कहानियां इतिहास नज़र आएंगी। इंसान अपनी ज़िंदगी इन्ही मिथकों पर भरोसा कर के जीता है। ये मिथ ही हैं जो इंसानों को नई आशा देते हैं और उनकी पूरी ज़िंदगी को निर्देशित करते हैं।
मिथ का निर्माण देश-काल की सीमा में ही होता है। आसान भाषा में समझें तो इंसान द्वारा इन मिथकों को अपने समाज की ज़रूरतों के हिसाब से उस वक़्त के मनुष्यों की तर्कक्षमता के अनुसार विकसित किया गया है। इस बदलती दुनियां को समझाने के लिए कोई ऐसी सत्ता होनी चाहिए जो खुद न बदले, जो शाश्वत हो, सर्वशक्तिशाली हो। बस यही से हमने देवताओं के अस्तित्व को स्वीकार करना शुरू किया। हम ये भी जानते हैं कि मानव सभ्यता के इतिहास में इंसानों ने कई देवताओं के मिथ बनाए हैं। जो उस समाज की ज़रूरत के हिसाब से समाज को जोड़ने का काम करते रहें हैं । आज पूरी दुनिया के मुसलमान या ईसाई या किसी भी धर्म के लोग खुद को एक समुदाय मानते है तो ये बस उनके धर्म के मिथ की वजह से है। यहाँ इस बात को अच्छे से समझना जरूरी है कि सिर्फ धर्म ही मिथ नही है, राष्ट्र, मानवाधिकार, लोकतंत्र, राज्यतंत्र, समाजवाद, पूंजीवाद आदि सभी मिथ हैं। आप का विश्वास भले ही धर्म और ईश्वर के मिथ पर न हो, किन्तु किसी दूसरे मिथ पर आप का विश्वास बना ही होगा। American Gods की ज़ुबान में कहूँ तो हो सकता है आप पुराने ख़ुदाओं को न मानते हों पर नए ख़ुदाओं में आपका यकीन बना हुआ है और दिन-ब-दिन वह यकीन बढ़ रहा है। आप की आस्था और अंधभक्ति इन नए ख़ुदाओं को ज़्यादा मज़बूत बना रही है। इतना मज़बूत जितने कभी पुराने खुदा हुआ ही नही करते थे। मानव सभ्यता बिना मिथ के जीवित नही रह सकती। हम बिना मिथ के करोड़ों इंसानों को एक साथ नही जोड़ सकते और उनसे किसी एक दिशा में सामुहिक रूप से कार्य नही करवा सकते।
बाकी मिथकों की तरह हर समाज अपने वक़्त की ज़रूरत के हिसाब से देवताओं का मिथ गढ़ता रहा। जैसे वाइकिंग्स जो लूटेरे थे, युद्ध कर के जिनकी आजीविका चलती थी, उनके देवता भी वैसे ही निर्दयी बने। उनकी जन्नत भी ऐसी बनी जहां वह मरने के बाद भी युद्ध कर सकें। युद्ध और हिंसा को सामान्य करने का इससे सरल तरीका उस वक़्त विकसित नही हो सकता था। भारत के ठग, जो लोगों को लूट कर मार दिया करते थे, उनको इन हत्याओं के प्रति नैतिक बल कहाँ से मिलता था ? बी.बी.सी हिंदी में ठगों के ऊपर विस्तृत लेख प्रकाशित हुआ था कौन थे असली 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' जिनसे अंग्रेज़ भी डरते थे नाम से। उसमें बहुचर्चित किताब 'कई चांद थे सरे आसमां' के लेखक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ीको उद्धरित किया गया है। जिसमें वह लिखते हैं कि चाहे हिंदू हों या मुसलमान, ठग शुभ मूहूर्त देखकर, विधि-विधान से पूजा-पाठ करके अपने काम पर निकलते थे, जिसे 'जिताई पर जाना' कहा जाता था। ठग मानते थे कि अगर वे नियमों का पालन करते हुए अपना काम करेंगे तो देवी मां (माँ काली) की कृपा उन पर बनी रहेगी उन्होंने भी अपना एक मिथ विकसित कर लिया था। मेजर जनरल स्लीमन अपनी डायरी में लिखते हैं ठग मानते ही नहीं थे कि वे कुछ ग़लत कर रहे हैं. उनकी नज़र में यह अन्य पेशों की तरह ही एक पेशा था और उनके मन में ज़रा भी पछतावा या दु:ख नहीं था कि किस तरह मासूम लोगों को मारकर वे ग़ायब कर देते हैं. उसी तरह भारत में पैदा होने वाले अहिंसक/नास्तिक धर्मों के बारे में सोचें। जिस काल में उन्होंने अपना मिथ विकसित किया। वह काल कैसा था ? कर्मकांड, खूनखराबा, भौतिकता अपने चरम पर थी। उस वक़्त ऐसे मिथ की ज़रूरत थी जो पुराने मिथकों के दुष्परिणामों को रोके। जब समाज की ज़रूरतें बदलती हैं तो ज़रूरत के हिसाब से देवताओं की स्थिति भी ऊपर नीचे हो जाती हैं। कुछ देवताओं का चरित्र बदलता है और वह अपना अस्तित्व बचाए रख पाते हैं। जबकि दूसरे देवता अनुपयोगी हो जाते हैं। उन्हें भूला दिया जाता है। भारत के संदर्भ में देखें तो एक वक़्त में इंद्र प्रमुख देवता थे पर बाद के कालों में नही रहे पर उनका अस्तित्व आज तक बचा हुआ है जबकि अरण्या, उषा, पूषन और वरुण जनकी पूजा होती थी, बाद के कालों में अनुपयोगी हो गए। आप 33 करोड़ देवताओं में से कितने देवताओं के बारे में जानते हैं। बस यही इस सीरीज़ की कहानी है । Neil Gaiman ने 2001 में अपनी नॉवल American Gods के नाम से प्रकाशित की थी, 2017 की ये सीरीज़ इसी नॉवल पर आधारित है । इस कहानी में अमेरिका में आने वाले सभी प्रवासी शुरू-शुरू में अमेरिका अपने देवताओं को साथ मे ले कर आते हैं अर्थात उनकी पूजा करते हैं पर उनके बाद की पीढ़ियां उन देवताओं को भूल जाती है । अब ये देवता अमेरिका की धरती पर forgotten gods के रूप में घूम रहे हैं और इन देवताओं की जगह नए देवताओं ने ले ली है । Neil Gaiman लिखते हैं
Gods die. And when they truly die they are unmourned and unremembered. Ideas are more difficult to kill than people, but they can be killed, in the end.[भगवान मरते है, और जब वे मरते है तब उनकी मौत का शौक नही मनाया जाता और न ही उन्हें याद किया जाता है। इंसानो की अपेक्षा विचारो को मारना कहीं मुश्किल होता है, पर अन्तत: विचारो को भी मारा जा सकता है।]
नए देवताओं के कुछ मुख्य देवताओं में सबसे प्रमुख देवता है Mr. World । ये दरसल Globalization के देवता है। जो आज के वक़्त में भगवान की भूमिका रखता है। Modernity (आधुनिकता) इनका वरदान है, पर आधुनिकता आप से क्या चाहती है ? यह आप से एकरूपता चाहती है। आसान भाषा में प्रभूत-पूंजीपति वर्ग की संस्कृति को जनसंस्कृति के रूप में स्थापित करना करना चाहती है। पूरी दुनिया के लोग एक जैसा पहने-खाएं और सोचें। उनकी संस्कृति उनकी भाषा एक जैसी हो। कोई भी जो उनसे अलग है वह आधुनिक नही है, दकियानूस है। आधुनिकता उन तमाम संस्कृतियों को नष्ट या आत्मसात कर लेना चाहती है जो उससे अलग हों। दूसरी god है Media, ये भूमंडलीकरण के प्रोपगंडा का प्रचार करती है। तीसरा है TECHNICAL BOY, ये internet god है। इसका काम भी भूमंडलीकरण की गति को तेज़ करना है। फिर हैं The Intangibles, ये stock market का god है । उसी तरह पुराने gods में Mr Wednesday प्रमुख है, ये थोर के पिता Odin है । इसका एक बॉडीगार्ड है Shadow Moon जिसका रहस्य अंत तक बना रहता है । फिर एक देवता हैं Mr Ibis, ये मिश्र का देवता हैं जिसे god of knowledge and writing कहा जाता है। फिर एक देवी हैं Bilquis, इसे कई जगह उसी बिलकीस के रूप में दिखाया गया है जो सुलेमान (अ.स.) के वक़्त में थी। इसे प्यार और Lust की देवी के रूप में जाना जाता है। Mama Ji ये भारत की देवी हैं। जिन्हें माँ काली के रूप में जाना जाता है। इसी तरह और भी कई देवता है। अब Odin ये चाहता है कि दुबारा लोग उनकी पूजा करें। वह अपने लोगों के लिए आत्मसम्मान भी चाहता है। नए खुदाओं ने न सिर्फ उनका महत्व कम किया है बल्कि उनके भक्तों के महत्व को खत्म कर दिया है। क्रिसमस मनाना आधुनिक होने की निशानी है पर उनके अपने पर्व इस आधुनिक दुनियां में मूर्खतापूर्ण कार्य हैं। Mr World युद्ध नही चाहता। वह ऐसा कुछ नही चाहता जिससे world order खराब हो। उसका मकसद एक वैश्विक संस्कृति और एक वैश्विक धर्म बनाना है ताकि शासन करना आसान हो। छोटी-छोटी संस्कृतियों और धर्मो को वह ख़ुद में मिला लेना चाहता है इसलिए वह पुराने खुदाओं की उनकी पूजा के नए रूप देता है। जैसे बिलकीस के लिए Tender बनवाता है, जहां लोग प्यार और Lust दोनों को पा सकें। बिलकीस जैसे पुराने कुछ देवता Mr. World के प्रस्ताव से संतुष्ट हैं इसलिए वह उसकी ओर से शामिल हो जाते हैं। Mama ji माँ काली जैसे कुछ देवता तटस्थ रहना चाहते हैं। उन्होंने अमेरिका में जीना सीख लिया है। माँ काली आजकल अमेरिका में मोटल (होटल) चलाती है। रूम की साफ-सफाई का काम करती हैं। (कमाल है इस ओर अभी तक बवाल नही हुआ) । पर Odin तो युद्ध का ही देवता है इसलिए वह फैसला युद्ध के ज़रिए ही करना चाहता है। इसी बीच Shadow moon और उसकी बीवी Laura Moon की कहानी भी चल रही होती है। जो प्यार,धोखा, बेवफाई, पश्चाताप के इर्दगिर्द घूमती रहती है। इनकी कहानी सीरीज़ में मानवीय पक्ष को रखती है और दर्शकों को कहानी से जोड़े रखती है।
Nancy जो घाना के मूलनिवासियों का देवता होता है। वह Odin की ओर से बाकी पुराने देवताओं को युद्ध में उनकी ओर से शामिल करने का प्रस्ताव देता है। वह शांति और तटस्थता की बात करने वाले मूलनिवासियों के देवताओं की गैरत (अहम) को ललकारता है। वह उन्हें याद दिलाता है कि कैसे वाइट लोगो ने अफ्रीका के मूलनिवासियों को गुलाम बनाया। उनको अमानवीय स्थिति में रखा। उनकी ज़मीन, उनका खेत, उनका घर, उनकी औरतें-बच्चे, बूढ़े- जवान सभी को उन्होंने बेच दिया। क्या ऐसे में उनके देवताओं को शांति और तटस्थता की बात करनी शोभा देती है ? Nancy कहता है -Peace is a beautiful but shitty idea.
[शांति एक सुंदर पर बकवास विचार है] केवल एक देवी ही इसकी प्रशंसा कर सकती है इसलिए मैं समझना चाहता हूं कि नए ख़ुदा तुम्हे क्या दे रहे हैं और तुमसे क्या ले रहे हैं ?
तुम्हारी प्यास हमारे विश्वास को प्रेरित नही कर सकती ये सिर्फ हमारी जिज्ञासाओं को प्रेरित कर सकती है
मैं वैसा ईश्वर नही हूँ जो शोषण और दमन के प्रति सहनशील रहूँ। मेरे भक्त जानते हैं कि स्वतंत्रता यूं ही प्राप्त नही होती । वे जानते हैं कि शोषक (ज़ालिम) का सबसे बड़ा हथियार शोषित (मज़लूम) का दिमाग होता है। वे जानते हैं दासता (गुलामी) कोई दशा/विकल्प नही है ये एक cult/पंथ है । मानव तस्करी एक cult है । दासता को अब नए रूप में पेश किया जाता है । विचारों का अपहरण किया जा रहा है । हर 30 सेकंड में चॉकलेट, भूरी, पीली, गाड़ी पीली, अश्वेत रंग की लड़कियां गायब हो रही हैं । इस व्यवस्था को और बेहतर और हमारी जिंदगियों को दयनीय बनाने के लिए नए बागान मालिकों ने (पूंजीपतियों ने) एक पाईपलाइन बनाई है ताकि वह हमारे बच्चों को स्कूल से सीधा जेल तक ले जाएं । वह भी इतने कम समय मे जितने समय मे जिस्म के घाव से खून टपकता हो।
हमारे लोग जन्म से ही घटिया भोजन के विकल्पों, अशुद्ध पीने के पानी, बंदूक से होने वाली हिंसा, पुलिस की हिंसा और निर्दयता और एक के बाद एक मिलने वाली प्रताड़ना के लिए Program कर दिए जाते हैं । हमारे लोगों के लिए कोई उपचार नही है न ही कोई आपातकालीन चेतावनी है । इनको अकेला, कमज़ोर, vulnerable बना दिया जाता है ताकि इनका शिकार किया जा सके । मैं तुम्हे (तुम्हारे शांति के प्रस्ताव को) सुन रहा हूँ और प्रत्येक शोषित (मज़लूम) की आवाज़ भी सुन रहा हूँ , मैं उनके नाम भी लिख रहा हूँ । हमने बहुत लंबी ज़िन्दगी जी है इन अनुभवों के साथ। हम जानते हैं कि पीड़ा पूज्नीय या पवित्र नही होती।
American Gods के दो सीज़न आए हैं। जहाँ पहला सीज़न भूमिका बनाने में खर्च हो जाता है कि युद्ध क्यों होना चाहिए ? और युद्ध कितना भीषण होगा। तो दूसरा सीज़न इन सारी उम्मीदों पर पानी फेर देता है। मुख्य किरदार जो पहले सीज़न में जिज्ञासा जगाता है दूसरे सीज़न में आते वह बोर, नीरस हो जाता है। दूसरे सीज़न का ट्रीटमेंट बहुत सुस्त है। बीच-बीच में आप चाय नाश्ता कर सकते हैं। अगर आप को मिथ, देवता, आध्यात्म, लोक-साहित्य में दिलचस्पी नही है तो देखते-देखते कब आप सो जाएं आपको खुद भी पता भी नही चलेगा। अब तक आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि <https://www.goodreads.com/book/show/4404 ](https://www.goodreads.com/book/show/4404) की कहानी जितनी सशक्त है उसको उतने ही बुरे तरीके से फिल्माया गया है और ख़ासतौर से उसका दूसरा सीज़न। अगर लॉकडाउन में आप फंसे है, वक्त है आप के पास तो एक बार इसे देखा जा सकता है।
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